Saturday 14 July 2012

एस बी जॉन

Buzz It

एस बी जॉन

आपने कब से गाना शुरू किया ?
रेडियो पाकिस्तान से (
20 may 1950 से रेडियो पाकिस्तान से गाया करते थे, मेहदी ज़हीर कम्पोज़र और गुलुकार ने इनका कोई कार्यक्रम सुना और इन्हें अपने यहाँ गाने का न्योता दिया ! उन दिनों फ़िल्मी धुनों पर असद्सा की गजले हुआ करती थी ‘सुनी हुई धुनें ‘ नाम का से उस दौर में और उन्होंने वहीँ से अपनी शुरुआत की !

फ़िल्मी दौर की शुरुआत भी एक तरह से यही से हुई ,और साथ ही फिल्म ‘सवेरा’ का भी काफी अहम योगदान रहा! नए नए लोगों को उन दिनों मोका मिला करता था !
मास्टर मंज़ूर ने पहली बार एस बी जॉन से मुलकात की और उन्होंने एस बी जॉन को सुना और उनसे वादा किया कि वो उनसे ज़रूर गवाएंगे ,उन्हें मोका दिया ! गीत रहा ‘तू जो नहीं है तो कुछ भी नहीं है ‘ इसे गीत को आगे जाकर हमने हिंदी फिल्म में सुना ! पर हिंदी फिल्म में आने से पहले ही ये गीत पडोसी मुल्क पकिस्तान में पसंद किया जा चुका था !

कराची में जन्म हुआ ,पूर्वज दिल्ली से रहे ! बचपन में गानों से जुड़े , पंडित रामचंद्र त्रिवेदी से शुरूआती संगीत सीखा और वोही उनके पहले और आखिरी गुरु रहे !


शिक्षा –
10th तक पढ़ें ,एअर कंडीशन का काम सीखा ,और गाने गाते हुए भी इसी पेशे में बने रहे ,
पूरा नाम – सनी
पिता का नाम –जॉन
दादा - बेन्जमन
परिवार – रोबिन और ग्लेन जॉन दो बेटे

उनसे पूछा गया कि आपको फिलहाल क्लास्सिकल/लाइट सिंगिंग में कौन पसंद हैं –उनका जवाब रहा अमानत अली के बाद मेहदी हसन ही आज ऐसे कलाकार हैं जो उन्हें पसंद रहे , फरीदा खानम और इकबाल बानो भी इनकी पसंद में रहे !
एस बी जॉन को शायरी /अदब का काफी शोक था
अपना लगे वो बैरी ,पराया कभी लगे
गम की दावा कभी वो गमे जिंदगी लगे