अपने बारे में ,और अपनी ज़िंदगी के बीते हुए पलों से रू-ब-रू कराते मेहदी साहब
(पहला भाग )
(दूसरा भाग
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बीता साल (2011) काफ़ी भारी सा रहा कला जगत पर ,एक से बढ़कर एक कलाकार दुनिया को अलविदा कह गए , बहुत से लोगों को लगा साल जल्द से जल्द खतम हो और ऐसे बुरी ख़बरों से निजात मिले ,पर साल की शुरुआत में ही (13 जनवरी 2012) खबर आई कि मेहदी हसन साहब की तबियत खराब है ,और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है , इसी बीच लोगों में ख़ास तौर से Internet पर अफवाओं का एक दौर सा चल पड़ा ,लोगों ने ही नही बल्कि online अख़बारों ने भी चूक कर दी ,किसी ज़िंदा शख्स को जीते जी मार दिया !
(पहला भाग )
(दूसरा भाग
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बीता साल (2011) काफ़ी भारी सा रहा कला जगत पर ,एक से बढ़कर एक कलाकार दुनिया को अलविदा कह गए , बहुत से लोगों को लगा साल जल्द से जल्द खतम हो और ऐसे बुरी ख़बरों से निजात मिले ,पर साल की शुरुआत में ही (13 जनवरी 2012) खबर आई कि मेहदी हसन साहब की तबियत खराब है ,और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है , इसी बीच लोगों में ख़ास तौर से Internet पर अफवाओं का एक दौर सा चल पड़ा ,लोगों ने ही नही बल्कि online अख़बारों ने भी चूक कर दी ,किसी ज़िंदा शख्स को जीते जी मार दिया !
और जाते जाते मेहदी हसन साहब की पुरकश आवाज़ में -
'पनिया भरे रे कौन अलबेले की नार '
(audio courtesy -arun ji)
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