जगनमोयमित्रा (जगमोहन 'सुरसागर' )
जन्म 6 सितम्बर 1918 को
40 और 50 के दौर में काफ़ी सक्रिय रहे ,जन्म 6 सितम्बर 1918 को
लता मंगेशकर और जगमोहन सुरसागर -1955 में आई फ़िल्म 'सरदार' के लिए पहली और आखिरी बार संगीत भी दिया और इसी फ़िल्म में लता मंगेशकर ने जगमोहन सुरसागर के लिए पहली और आखिरी बार गाया ' प्यार की ये तल्खियाँ '
जगमोहन सुरसागर और सपन जगमोहन जोड़ी के 'जगमोहन ' दोनों अलग अलग व्यक्ति है , जगमोहन सुरसागर ने कमलदास गुप्ता के संगीत निर्देशन में अपने दौर में काफ़ी गीत गाये ! गायक होने के साथ -साथ संगीतकार के तौर भी जगमोहन सुरसागर जाने जाते हैं ! इन्होने मधुराज और फय्याज़ हाशमी के लिखे कई गैर -फ़िल्मी गीत गाये ! कुछ एक फिल्मों में पार्श्वगायक के तौर पर काम किया -जिसमे मेघदूत(1945-'ओ वर्षा के पहले बादल ') शामिल है !
सन 1955 में आई फ़िल्म 'सरदार' के लिए पहली और आखिरी बार संगीत भी दिया ! सरदार में बीना राय, अशोक कुमार और निगार सुल्ताना मुख्य भूमिकाओं में नज़र आये थे !
इसी फ़िल्म में लता मंगेशकर ने जगमोहन सुरसागर के लिए पहली और आखिरी बार गाया ' प्यार की ये तल्खियाँ ' ! जगमोहन एक रूढ़िवादी ज़मीदार परिवार से संबंध रखते थे , जहाँ गाना बजाना सही नहीं समझा जाता था, इसी बीच जगमोहन का ध्यान शास्त्रीय संगीत की तरफ भी आकर्षित हुआ और उन्होंने एक अच्छे गुरु की खोज करना शुरू कर दिया , जो कि पोंडेचेरी के दिलीप कुमार रॉय पर आकर खत्म हुई ! जिनसे द्रुपद , ठुमरी ,टप्पा सीखा !
HMV के लिए टैगोर के लिखे गीतों को गाकर जगमोहन बंगाल के घर घर में मशहूर हो गए और वहीँ 1945 में जगनमोयमित्रा 'सुरसागर ' के तौर पर जाने जाने लगे ! और फ़िल्म 'मेघदूत' के गीतों ने उन दिनों रेडियो पर काफ़ी धूम मचा दी थी !
कुछ गीत -
1. उल्फ़त की सज़ा दो - फय्याज़ हाश्मी
2. दीवाना तुम्हारा -फय्याज़ हाशमी
3.मुझे ख़ामोश रहने दो - राजेन्द्र कृष्ण (संगीत -जगमोहन )
4. प्रेम की रुत चली गयी -फय्याज़ हाश्मी
5.दिल देकर दर्द लिया
6.यह ना बता सकूंगा मैं
7.आँखों में छुपा लो
8.ये माना तुमके तुम से -रमेश पन्त -(संगीत -जगमोहन )
9.जल रहे हैं अरमान -फय्याज़ हाश्मी
10.नीरस मैं आस प्रभु
11.मेरी ऑंखें बनी दीवानी
12.प्यारी तुम कितनी
13.मत कर साज़ सिंगार
14. तुम मेरे सामने
15.सपनो में मुझको
16 मुझे ना सपनों से बहलाओ
17.ओ वर्षा के पहले बादल -फय्याज़ हाश्मी
18.चाँद है मेहमान ,गीत : मधुराज ,(संगीत -जगमोहन )
19. ये चाँद नहीं
20. एक बार मुस्कुरा दो
21. उस रंग को पायल में
(जगमोहन के कुछ गीत यहाँभी
pyar ki ye talkhiyan -film :sardar
lata Mangeshkar
kaif irfani (arfani)
jagmohan sursagar
बाक़ी गीत यहाँ
और एक दिन ये कलाकार भी अपने पीछे छोड़ गया अपने कुछ ऐसे गीत जो ना आज कहीं बजते हैं , ना उनकी कहीं गुंजाईश ढूंढी जाती है !
Legendary singer Jagmohan no more
KOLKATA, Sept 4: Legendary Bengali singer of yesteryears Jagonmoy Mitra, fondly known as ‘Jagmohan’, whose rendition of love songs enthralled hearts of millions, died at his Juhu residence in Mumbai last night following a cardiac arrest, family sources said today.
Mitra, 85, who was recuperating from brain haemorrhage, is survived by three sons and two daughters.
The veteran singer, known as ‘Jagmohan’ to the Hindi music world, had over 400 music records to his credit in a career spanning over 40 years.
A Padmashree Award winner for his contribution to the Indian music, he had given music in many films.
Mitra will be long remembered by his countless admirers for his song ‘Chithi’ (a letter to wife).
Born on September 6, 1918, Mitra brought out his first disc ‘Sawana Rate Jadi’ in 1939 and soon caught the imagination of Bengali music lovers with such ever-green hits like ‘Ami Duranta Baishaki Jhar’, ‘Ei Ki Go Sheh Gaan’, ‘Tumi Aaj Koto Dure’ besides scores of Rabindra sangeet and Najrul songs.
Mitra, who settled in Mumbai in the 1950s, had also authored an autobiography titled after his first recorded song ‘Sawana Rate Jadi’.
Contributing his golden voice in over 100 Hindi discs, he directed music in ‘Sharhad’, besides being popular in Gujarati and Marathi music world.
A near contemporary of Hemant Kumar and eminent Bengali singer late Dhananjoy Bhattacharjee, Mitra popularised Indian music in the US, Britain and East African countries. (PTI)
1 comment:
अनूठी जानकारी, मैंने तो यह गीत भी शायद पहली बार ही सुना है।
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