Tuesday, 27 March 2012
फ़िलहाल तस्वीरों में 'शाळा' !
फ़िल्म 70 के दौर के आस पास की पृष्ठभूमि लिए है ,काफ़ी रूमानी सा एहसास लेकर ,जैसे किसी फूल को खिलते
देखने का एहसास कराती हो , फ़िल्म देखते हुए कई मर्तबा अपने आप ही आप मुस्कुरा उठते हैं !
अभिनय के साथ साथ कलाकारों ( ख़ासकर जिस तरीके से फ़िल्म के बाल कलाकारों ने अभिनय किया है ) के 'भाव ' आपको कहानी के साथ बांधे रखते हैं ! फ़िल्म में एडिटिंग और कैमरा वर्क काफ़ी प्रभावित करता है !
वरुण ग्रोवर कहते हैं ''उम्र के सबसे मासूम, complicated, रोमांचक दौर पर बनी एक ऐसी फिल्म जो गहरी भी है,
विस्तार वाली भी, और मज़ेदार भी. (और एक धुंधलाते से nostalgia जितनी रूमानी भी.)पूरे साल में ऐसा ३ या ४ फिल्मों के बारे में ही कहा जा सकता है'' !
यूं तो फ़िल्म मराठी भाषा में है,पर रेखा भारद्वाज के सूफियाना और मदहोश करने वाले इस गीत का जुडना इसे और ख़ास बना देता है ! जैसे उन सभी जज़्बात को जिस्म पर पड़ने वालीं बोंदों की तरह महसूस करा रही हों !
COMPOSED BY: ALOKANANDA DASGUPTA
SINGER: REKHA BHARDWAJ
LYRICS: RAJESHWARI DASGUPTA
EDITED BY: B. MAHANTESHWAR
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