Tuesday 26 January 2010

गणतंत्र

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गणतंत्र के दिवस के इस अवसर पर अपने शहीद सैनिकों को श्रदांजलि



जो समर मे हो गए अमर मै उनकी याद में
गा रही हूँ आज श्रद्धागीत धन्यवाद में


लौट कर न आएँगे विजय दिलाने वाले वीर
मेरे गीत अंजली मेंउनके लिए नयन नीर
संग फूल-पान के,रंग हैं निशान के
शूर वीर आन के...

विजय के फूल खिल रहे हैं
फूल अधखिले झरे
उनके खून से हमारे खेत-बाग बन हरे
ध्रुव हैं क्रांति गान के
सूर्य नव विहान के
शूर वीर आन के...

वो गए कि रह सके स्वतंत्रता स्वदेश की
विश्व भर में मान्यता हो मुक्ति के संदेश की
प्राण देश-प्राण के
मूर्ती स्वाभिमान के
शूर वीर आन के....

(लता मंगेशकर, पं नरेन्द्र शर्मा, जयदेव)


1 comment:

Udan Tashtari said...

सुन्दर गीत के लिए आभार!!

गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर आपका एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं अनेक शुभकामनाएँ.

सादर
समीर लाल